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नोदल भवन पर शिवपुराण कथा में छठे दिन श्री गणेश जन्म ।

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मयूर नृत्य एवं श्री गणेश जी की जीवंत झांकी मुख्य आकर्षण।
शिव महापुराण में उमड़े श्रद्धालु नर नारी।
फुलेरा (दामोदर कुमावत) कस्बे की सियाराम बाबा की बगीची के पास नोदल भवन पर भगवान शिवजी की असीम कृपा से संगीतमय श्री शिव महापुराण कथा रविवार को  प्रयागराज से पधारे, व्यास पीठ से पं. कृष्ण देव महाराज ने शिव पुराण कथा मे श्री गणेश जन्म कथा बड़े ही मार्मिक रूप से वृतांत सुनाया,

जिसमें माता की आज्ञा को मानते हुए पिता शिव शंकर को भी प्रवेश नहीं करने दिया, इस पर भगवान शिव ने गणेश जी का सिर काट दिया परंतु माता पार्वती के रूदन को देखते हुए भगवान शिव ने गणेश जी के सूंड वाला सर लगाकर प्रथम पूजने का आशीर्वाद दिया। वहीं विवाह को लेकर गणेश जी व कार्तिकेय में पृथ्वी के  चक्कर लगाने की होढ में गणेश जी ने माता-पिता के चक्कर लगाकर सिद्ध कर दिया कि यही ब्रह्मांड और यही जगत है और उनका विवाह पहले हुआ।

कथा में वीर जालंधर का वध भी भगवान शंकर ने किया जबकि भगवान विष्णु ने वीर जालंधर की पत्नी वृंदा का सील भंग किया। इस पर वृंदा ने विष्णु को श्राप दिया कि आप भी अपनी पत्नी के वियोग में वन- वन भटकते रहोगे। भगवान शंकर ने शंखचूड़ का वध किया।
वही पंडित कृष्ण देव ने उपस्थित जनसमूह को बताया कि कलयुग में नाम ही आधार है, । आज कथा में विशेष मयूर नृत्य व श्री गणेश की भव्य जीवंत झांकी विहंगम दृश्य रही जिसको देख वहां उपस्थित नर नारी श्रद्धालु भक्तों ने पुष्प वर्षा की। इस अवसर पर यजमान श्रवन लाल नोदल, धन्नालाल नोदल एवं रमेश नोदल ने सपत्नीक शिव- पार्वती की आरती उतारी इस अवसर पर सैकड़ो गणमान्य लोग उपस्थित रहे ।

Aapno City News
Author: Aapno City News

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