
लक्ष्मणगढ़ 07 अगस्त।(बाबूलाल सैनी) चिकित्सा जैसे प्रोफेशन को कमाई का जरिया नहीं मानकर सेवा के रुप में अपनाने वाले लक्षमनगढ के वरिष्ठ नर्सिंग आफिसर सुशील कुमार जोशी ने चिकित्सा क्षेत्र में सेवा का नया आयाम स्थापित किया है।

करीब 37 वर्ष तक सरकारी सेवा में रहे जोशी ने पीड़ित व्यक्ति के हर मर्ज को सहानुभूति पूर्वक सुना समझा और बिना किसी लोभ लालच के प्रत्येक व्यक्ति को चिकित्सा सुविधा व परामर्श उपलब्ध कराने का भरसक प्रयास कर रहे है। सरकारी सेवा से ड्यूटी के बाद या पहले यदि किसी मरीज या उसके परिजन का फोन आता है तो आपना जरुरी घरेलू काम बीच मे छोड़कर उसे देखने उसके घर पहुंच कर इलाज करना यह इनका रोजमर्रा का काम है। मुझे जहां तक याद है चिकित्सा के क्षेत्र में सुशील जोशी का सेवा के नजरिए से कोई मुकाबला नहीं है। सरल,सोम्य व हंसमुख स्वभाव के व्यक्तित्व के धनी शर्मा मरीज की आधी बिमारी तो अपने व्यवहार से ही दूर कर देते हैं। और इलाज भी ऐसा कि इनकी लिखी पर्ची की दवा अधिकांश मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध । इलाज के दौरान यदि पूछ लिया जाएं कि दवा कहां मिलेगी तो किसी मेडिकल स्टोर का नाम नहीं लेकर एक ही बात कहना सभी मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध है । इसमें भी मजेदार बात यह है कि दवा लिखते समय यह विशेष ध्यान रखते हैं कि दवा के पैसे कम लगे और असर ज्यादा करें और होता भी यही है । यदि कोई जटिल बिमारी समझ में नहीं आती हो तो एक ही जबाब होता है अस्पताल में डाक्टर को दिखाओ। चिकित्सा के क्षेत्र में ऐसा सेवा भावी व्यक्ति बमुश्किल ही मिलते हैं।
यहां के तोदी महाविद्यालय से बीएससी करने के बाद कुछ समय के लिए तोदी महाविद्यालय में ही वोटनी विभाग में कार्य किया तथा बाद में 1985 से 1988 तक जीएनएम की डिग्री हासिल की । जीएनएम की डिग्री मिलने के बाद करीब 14 माह तक श्री रघुनाथ अस्पताल में अपनी निःशुल्क सेवा दी तथा 1989 में सरकारी सेवा में चयनित होने पर बीडीके अस्पताल झुंझुनूं में पहली नियुक्ति मिली।जहां से 6 माह मंडावा क्षेत्र के भादरवास गांव के सरकारी अस्पताल में अपनी सेवाएं दी तथा वहां से फतेहपुर के धानुका अस्पताल में करीब 4 साल तक अपनी सेवाएं देने के बाद लक्षमनगढ के सरकारी अस्पताल में करीब 33 वर्ष तक नर्सिंग कर्मी के रूप में अपनी सेवाएं देने के बाद हाल ही में वरिष्ठ नर्सिंग आफिसर के पद से सेवानिवृत्त हुए। सेवानिवृत्त होने से पहले और अब बाद में पीड़ित की सेवा करने का अनवरत कार्य जारी है । सुशील जोशी की याददाश्त इतनी जबरदस्त है कि एक बार फोन पर बात हो जाने के बाद तुरंत आवाज को पहचानते हुए सिधे इलाज के लिए अगले के घर पहुंच जाते हैं। इसमें भी मजेदार बात यह है फोन को तुरंत रिसीव करना और स्वयं का काम बाद और मरीज का इलाज करने पहले पहुंचना सुशील जोशी की सेवा भावना वास्तव में काबिले तारीफ है।


Author: Aapno City News
